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Showing posts from May 25, 2025

ऐसे हैं हमारे दिसोम गुरु शिबू सोरेन

शिबू सोरेन झारखंड को अलग राज्य बनाये जाने के लिए किए गये आंदोलन के अगुवा थे,लगातार शोषण अन्याय के विरुद्ध प्रतिरोधात्मक गतिविधियों में लगे रहते थे.तत्कालीन मीडिया द्वारा कई बार शिबू सोरेन की छवि किसी ख़ूँख़ार व्यक्ति जैसी बना दी जाती थी.वास्तविक ज़िंदगी में वे बहुत सरल हैं,बच्चों की तरह खिलखिलाते हैं और सब से नरम आवाज में मधुरता से बात करते हैं.वे किसी को कभी बुरा नहीं कहते बल्कि कभी किसी से जोर से बात करते नहीं सुना.बाल सुलभ मधुर आवाज़ में बात करते हैं.दूसरों के दुख से व्यथित होते हैं.उनके घर सवेरे से मदद मांगने वालों का ताँता लगा हुआ रहता है और वे यथासंभव लोगों की मदद करते रहते हैं.कोई बीमार है तो किसी की बेटी की शादी है तो,किसी को बीमारी की इलाज़ के लिए सहयोग चाहिए,तो किसी को बच्चों की किताबों के लिए पैसे की जरूरत है,या किसी को पढ़े लिखे बेरोजगार बेटा बेटी के रोज़गार की ज़रूरत.वे यथा संभव सभी की मदद करते हैं.कई लोगों को जानता हूँ जिनके बेटा बेटी को प्राइवेट कम्पनियों तक में सम्मानजनक काम दिलाया.इसके अलावा वे जब  मुख्यमंत्री थे तो स्थानीय प्रशासन को तुरत संपर्क कर ऐसे व्यक्त...

दिसोम गुरु शिबू सोरेन

दिसोम गुरु शिबू सोरेन;संत और महानतम झारखंडी  शिबू सोरेन झारखंड के महानतम जीवित व्यक्ति हैं.उनके जैसा व्यक्तित्व और कोई नहीं हो सकता. हम सभी के वे आदर्श हैं.मैं स्वयं झारखंड आंदोलन में रहा,कई दिनों तक जेल में भी रहा,बाद में उनके सानिध्य में बहुत अंतरंगता से कार्य करने का समय मिला ,इसलिए उनकी अब तक की जीवनयात्रा मेरे लिए वरण हम सब के लिए अनुकरणीय है. मूलत: शिबू सोरेन शोषण के विरुद्ध संघर्ष की उपज हैं.वे अन्याय के विरुद्ध दलित आदिवासी संघर्ष के प्रतीक हैं,इसलिए झारखंड की जनता उन्हें पूजती है.क्या जनता,क्या नेता,पक्ष विपक्ष सभी द्वारा उनके महत्ता को दिल से स्वीकार किया जाता है. झारखंड के बाहर भी देश भर का जनजाति समुदाय उन्हें आदिवासियों के उद्धारक के रूप में देखता है.शिबू सोरेन युगों में एक बार जनमते हैं. उन क्षेत्रों में जहाँ आदिवासी विचरते हैं,लोलुप निगाहें हमेशा से लगी रही हैं.झारखंड के परिप्रेक्ष्य में यह भी सच है कि यह धरती,जंगल पहाड़ और आदिवासियों की रही है.अंग्रेजों के भारत आने तक इस क्षेत्र की आबादी विरल थी.चहूँ ओर जंगल पर्वत थे और न जाने कहाँ से आदिवासी जनसंख्या ही पनपी.घाटिय...